भारतीय प्रतिभा का परचम अब एक बार फिर ब्रिटेन में लहराएगा। इसके पहले भारतीय डॉक्टरों को ब्रितानी स्वास्थ्य सेवाओं का एक मजबूत हिस्सा बताने के बाद ब्रिटिश सरकार अब भारतीय ट्यूटरों की भी सेवाएं लेने की इच्छुक है। दरअसल जीसीएसई यानी कि जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन सरीखी परीक्षाएं ज्यादा से ज्यादा ब्रिटिश छात्र उतीर्ण करे, इस पर ब्रितानी प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन का काफी जोर है। उनका मानना है कि देश में हर छात्र को परीक्षाओं में पास होने के लिए एक निजी ट्यूटर होना चाहिए। उनके इस विचार को व्यक्त करते ही ब्रिटिश एजूकेशन इंडस्ट्री की मानो बाँछे खिल गई और उन्होंने प्रतिभाशाली भारतीयों को इस सुअवसर का हिस्सा बनाने का मन बना लिया है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/features/general/8_14_3801469.html
Sunday, October 7, 2007
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