बच्चों को गोद लेने का चलन तो काफी पुराना है, लेकिन अब महानगरों में ऐसे बुजुर्गो को गोद लेने की शुरुआत हुई है जिनका कोई आसरा नहीं है या जिन्हें उनकी संतानों ने बेआसरा छोड़ दिया है।
बुजुर्र्गो के कल्याण के लिए लंबे समय से कार्यरत गैर सरकारी संगठन हेल्पऐज इंडिया के सूत्रों ने बताया कि जिस गति से समाज में बुजुर्र्गो को त्यागने की रफ्तार बढ़ रही है उससे आने वाले समय में स्थिति काफी गंभीर हो जाने की आशंका है। लेकिन अब समाज में एक सुखद बदलाव यह देखा जा रहा है कि कुछ युवा बच्चा गोद लेने की तर्ज पर बुजुर्र्गो को गोद लेने लगे हैं।
http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_3801251/
Sunday, October 7, 2007
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